पहले यह देखें कि यह क्यों मान लिया गया कि 21 दिसम्बर 2012 को दुनिया खत्म हो जाएगी।. मध्य अमेरिका में यूरोपीय लोगों के आने के पहले मेसोअमेरिकन लांग काउंट कैलेंडर प्रचलित था. इस कैलेंडर में 7200 दिन का एक एक कातुन और 1 लाख 44 हजार दिन का एक बक्तुन होता है. प्राचीन माया सभ्यता के अवशेषों में ऐसा कैलेंडर पत्थरों में खुदा मिलता है. इन शिला लेखों में केवल 13वें बक्तुन तक की तारीखें दर्ज हैं।. 13वाँ बक्तुन 21 दिसम्बर 2012 को खत्म होगा. इसलिए यह धारणा पैदा कर ली गई कि उसके बाद दुनिया नहीं रहेगी. मेरे विचार से यह सब बात गलत है. इसे इस तरीके से क्यों न देखें कि इस कैलेंडर में चौदहवां बक्तुन और एक बेहतर दौर शुरू होगा.
भारतीय साहित्य के अनुसार अभी सृष्टि का नाश नहीं होगा परन्तु भारी विनाश अवश्य होगा और हो भी रहा है .
भारतीय साहित्य के अनुसार अभी सृष्टि का नाश नहीं होगा परन्तु भारी विनाश अवश्य होगा और हो भी रहा है .
विनाश संभव नही ,.....
ReplyDeleteनया साल सुखद एवं मंगलमय हो,....
मेरी नई पोस्ट --"नये साल की खुशी मनाएं"--
यदि आप किस्मत को मानती है तो वक्त पर छोड़ दें | वक्त से बड़ा कोई नहीं है | कल की चिंता को छोड़ कर आज को जिएं |
ReplyDelete"टिप्स हिंदी में" ब्लॉग की तरफ से आपको नए साल के आगमन पर शुभ कामनाएं |
टिप्स हिंदी में